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मोंगरा सरपंच को नहीं आई "लज्जा ...ग्रामीणों को किया गुमराह

छत्तीसगढ कौशल न्युज  कुरूद:- ग्राम पंचायत मोंगरा के पदाधिकारियों व ग्रामीणों द्वारा शासकीय भूमि में अतिक्रमण करने वालो के खिलाफ कानूनी कार्य...



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

कुरूद:- ग्राम पंचायत मोंगरा के पदाधिकारियों व ग्रामीणों द्वारा शासकीय भूमि में अतिक्रमण करने वालो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग को लेकर सोमवार को मोंगरा भर पूरे ग्रामीणों ने कलेक्टर, तहसील कार्यालय पहुंचकर उचित कार्यवाही की मांग गई थी। जब हमारी टीम ने उच्चाधिकारी से इस कार्यवाही संबंधित जानकारी पूछे तो चौंकाने वाले खुलासा हुआ बताया.... छ: महीने से मैने सरंपच व सचिव से अतिक्रमणधारी का पंचायत प्रस्ताव कर लिस्ट मांगा गया था लेकिन अब तक नहीं मिला है! बिना पंचायत प्रस्ताव नोटिस के अतिक्रमण हटाना मुश्किल है।

      ज्ञात हो करीब छः महीने पहले ग्राम पंचायत मोंगरा में अतिक्रमण संबंधित उच्चाधिकारी के पास ग्रामीणों ने द्वारा शिकायत किया गया था। जिसमें पंचायत प्रस्ताव लगभग 13लोगों का अतिक्रमण धारी दर्शाया गया था लेकिन उच्च अधिकारी द्वारा जांच करने के तीन दर्जन से ज्यादा लोगों नाम पता चला है। जिसमें कई पदाधिकारी सहित रिश्तेदार भी शामिल हैं व संरक्षण दे रहे है। जो शासन की आंखों मिचौली का कार्य किया जा रहा है। 

छः महीने से उच्चाधिकारी को नहीं सौंपे प्रस्ताव

निंदनीय विषय है सरपंच ने छ: महीने से ग्रामीणों को अतिक्रमण को हटाने को लेकर गुमराह में रखा गया है। जब गांव का प्रथम व्यक्ति व सरपंच ने जिम्मेदार नागरिक को ऐसा करने में लज्जा नहीं आया होगा। ऐसे में सरपंच की पांच साल का कार्यकाल व विकास कार्य का अंदाजा लगाया जा सकते है।

        ग्रामीणों ने बताया पूर्व सरपंच आत्मा राम ध्रुव द्वारा वर्ष 2007-08 मे तहसीलदार कुरूद व ग्राम पंचायत के द्वारा 20 मकान में शासन ने अतिक्रमण और बेजा कब्जा का बुलडोजर चलवाकर ढहाया गया था। लेकिन जिन अवैध रूप से निर्माण किए गए, अतिक्रमण भूमि वाले मकान को शासन द्वारा तोड़ा गया था। उसी में और मकान निर्माण कर बेजा कब्जा किया गया है। जिस व्यक्ति का मकान तोडा हुआ था वह व्यक्ति वर्तमान व पूर्व में पंचायत पदाधिकारी बनते आ रहा है। जो पंचायतीराज नियम के विरूद्ध है।

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