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प्रदेश भाजपा सरकार की नाकामी के कारण प्रदेश मे बड़ रही बाल यौन उत्पीड़न की मामला - ओंकार साहू

छत्तीसगढ कौशल न्युज  जिला के कुरुद विधानसभा अंतर्गत एक गांव में 4 वर्षीय मासुम बच्ची के साथ घटित घटना को धमतरी विधायक ओंकार साहू ने बहुत ही ...



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

जिला के कुरुद विधानसभा अंतर्गत एक गांव में 4 वर्षीय मासुम बच्ची के साथ घटित घटना को धमतरी विधायक ओंकार साहू ने बहुत ही दुःखद घटना बताया साथ ही आगे कहा की प्रदेश भाजपा साय सरकार की असंवेदनशील और निकम्मी नीतियों कारण जो दुख और पीड़ा बच्ची के साथ पुरे परिवार को सहनी पड़ी है. वह तो मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना है कैसे साय सरकार की सरकारी तंत्र मासूम बच्ची और गरीब परिवार को इलाज और न्याय के नाम पर विगत 20 दिनों से प्रताड़ित कर रही है. जिस प्रकार मोदी की गारंटी बड़े उद्योगपतियों को संरक्षित करने के लिए है और मोदी की वही गारंटी के कारण आज प्रदेश मे गरीब और वंचित तबको को न्याय की उम्मीद नहीं है. साय सरकार के पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षित किया जा रहा है और पीड़ितो को सुना नहीं जा रहा है साय सरकार अपने 10 माह के कार्यकाल मे छत्तीसगढ़ को अपराध की गढ़ बनाने मे सफल साबित हुई है. विधायक ओंकार साहू ने साय सरकार से 50 लाख रूपये मुआवजा की मांग करते हुए कहा की हलाकि 50 लाख रू का मुआवजा उनके मानवीय क्षति व ईलाज में 22 दिनों तक हुई लापरवाही के लिये अपर्याप्त हैं. क्योंकि बाल यौन शोषण नाबालिकों की गरिमा को ठेस पहुंचती है इससे उनकी मानवता और मौलिक अधिकारों का हनन होता है यह मानवीय भावनाओं और सामाजिक विकास पर दूरगामी गलत प्रभाव डालता हैं।

              कई पीड़ितों को सामाजिक अलगाव पन का सामना करना पड़ता है उन्हें विश्वास के मुद्दों सामाजिक व मानसिक आघात संबंधी चुनौती के कारण स्वस्थ रिश्ते बनाने और उसे कायम रखने में मुश्किलें आती है जिस तरह 18 सितम्बर को कुरुद क्षेत्र के साढ़े 4 वार्षिय मासूम बेटी जो दुराचार का शिकार होती हैं रातभर बच्ची दर्द से तड़पती रही। 19 सितंबर को सुबह परिजन सिविल अस्पताल कुरूद पहुंचे। पुलिस ने किसी को कुछ भी बताने से मना किया। परिजन के मुताबिक बच्ची को 4 टांके लगे हैं। अस्पताल से 3 दिन बाद छुट्टी दे दी जाती हैं बोला गया प्राइवेट अस्पताल में दिखा देना। घर में कुछ दिन दवाई के कारण ठीक रही, फिर दर्द बढ़ गया। 8 दिन बाद फिर सिविल अस्पताल कुरूद ले गए। जहां 9 दिन तक बच्ची भर्ती रही। दर्द कम नहीं होने पर सोनोग्राफी कराने कहा। 8 अक्टूबर को जिला अस्पताल धमतरी में बस से मां, बच्ची व परिजन अस्पताल पहुंचते हैं। 22 दिन बाद इलाज के नाम पर एक इंजेक्शन, पैरासिटामॉल दिए रिश्तेदारों ने बताया कि घटना की जानकारी मीडिया तक पहुंचाने की बात को लेकर पुलिस अधिकारी धमका रहे थे । इधर मासूम बच्ची दर्द से कराहती रही। परिजन सप्ताह भर तक इलाज के लिए भटके। दुर्भाग्य है कि 4 दिनों तक बच्ची का सोनोग्राफी तक नहीं हो सका। इससे व्यथित बच्ची की मां बेहोश हो गई। धमतरी विधायक ओंकार साहू नें संवेदना व्यक्त करते हुए ऐसे मासूम बच्ची के पोषण व शिक्षा के लिए सरकार से 50 लाख रूपये मुआवजा कि मांग की है क्योंकि पीड़ित को मुआवजा देना न्याय सुनिश्चित करने का एक अनिवार्य हिस्सा है।

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