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400 पार की झांसे से यू - टर्न सरकार तक नरेन्द्र मोदी कि गिरती साख - ओंकार साहू

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  धमतरी:- विधायक ओंकार साहू ने कहा कि नरेंद्र मोदी कि सरकार का तीसरा कार्यकाल लगातार अनिर्णय, अस्थिरता और अपरिपक्वता ब...

 

छत्तीसगढ कौशल न्युज 

धमतरी:- विधायक ओंकार साहू ने कहा कि नरेंद्र मोदी कि सरकार का तीसरा कार्यकाल लगातार अनिर्णय, अस्थिरता और अपरिपक्वता बयान कर रहा है। पिछले कार्यकालों में खुद के लिये “56 इंच का सीना” और “एक अकेला” का जुमला गढ़ने वाले नरेंद्र मोदी इस बार यू-टर्न और फ़ज़ीहत के लिये लगातार चर्चा में बने हुये हैं। जो कह रहे हैं, वो कर नहीं रहे, जो कर रहे हैं, वो हो नहीं रहा; और जो हो रहा है वो कमजोर सरकार की बर्बादी दिखा रहा है।

ऐसा केवल हम नहीं बल्कि पूरा देश कह रहा है कि मोदी सरकार अब यू-टर्न सरकार बनती जा रही है। मोदी सरकार को एक के बाद एक कई बड़े फैसलों पर पीछे हटना पड़ा है। अपने कड़े फैसलों का ढिंढोरा पीटने और हर निर्णय पर अडिग रहने की नौटंकी दिखाने वाली मोदी सरकार को इस कार्यकाल में ना सिर्फ विपक्ष बल्कि अपने सहयोगियों के सामने भी बार-बार झुकना पड़ रहा है। UPSC द्वारा केंद्र सरकार के विभिन्न स्तरों पर 'लेटरल एंट्री' के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। पहला यू टर्न UPSC में लेटरल एंट्री के विरोध में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार से सवाल कर रहे थे। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार में लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी गई है। नोटिफिकेशन को भी तत्काल प्रभाव से रद्द करना पड़ा है। फिर दूसरा यू टर्न प्रसारण बिल को लेकर विपक्ष ने सरकार पर मीडिया का गला घोंटने और संसद में रखे जाने से पहले ही प्रसारण बिल के ड्राफ्ट को कुछ चुनिंदा साझेदारों के बीच चुपके से लीक करने का आरोप लगाया था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चुनिंदा साझेदारों के साथ ही बंद कमरे में इस बिल पर चर्चा की थी, डिजिटल मीडिया संगठनों और सिविल सोसाइटी एसोसिएशन के साथ भी कोई चर्चा नहीं हुई। विपक्ष के आवाज़ उठाने के बाद मोदी सरकार को प्रसारण विधेयक वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। तीसरा यू टर्न जब 

मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट सत्र में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया था। इस बिल को लेकर विपक्ष के कड़े एतराज़ और संसद में ज़बरदस्त विरोध के बाद मोदी सरकार को यह बिल पास कराने की बजाय इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मोदी सरकार का चौथा यू टर्न भी देखने को मिला जब मोदी सरकार ने कैपिटल गैस टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए प्रॉपर्टी के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के मामले में इंडेक्सेशन बेनेफिट हटा दिया था। इसे लेकर मोदी सरकार की काफी अलोचना हुई थी। विपक्ष के आवाज़ उठाने के बाद सरकार के इस फैसले पर कॉर्पोरेट से लेकर आम आदमी तक ने नाराजगी जताई थी। विपक्ष के कड़े एतराज़ के बाद मोदी सरकार की ओर से अपने इस फैसले पर यूटर्न लेते हुए वित्त विधेयक में संशोधन किया है।

इस तरह यू-टर्न लेना नरेंद्र मोदी सरकार की पुरानी आदत है। बात चाहे किसान बील कि हों या मोदी जी विपक्ष में रहकर जिन चीजों का विरोध करते आ रहे थे , सत्ता में आते ही उन्हें लागू कर दिया। धमतरी विधायक ओंकार साहू ने कहा लेकिन अब वक्त बदल रहा है, इस बार जनता ने नरेंद्र मोदी की तानाशाही को समाप्त कर दिया है। कभी खुद को मज़बूत प्रधानमंत्री बताने वाले नरेंद्र मोदी आज मजबूर प्रधानमंत्री बन चुके हैं |

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