हाकर लोकल संवाददाता बनने से पहले आपको चाटुकार बनना उतना ही जरूरी है जितना बच्चों को पोलियो की दवा पिलाना। आपको चाटना आना चाहिए, हो सके ...
हाकर लोकल संवाददाता बनने से पहले आपको चाटुकार बनना उतना ही जरूरी है जितना बच्चों को पोलियो की दवा पिलाना। आपको चाटना आना चाहिए, हो सके तो पत्रकारिता की डिग्री के बाद लगे हाथ चाटुकारिता की डिग्री भी ले ही लीजिए। इसके लिए आस-पास के किसी वरिष्ठ चाटुकार से संपर्क करें। सही से चाटना नहीं आएगा तो बड़े हाकर लोकल संवाददाता कैसे बनेगें? बड़े हाकर लोकल संवाददाता जो वहां तक चाट कर पहुंचे हैं उनको कैसे खुश करोगे। ज्यादा चाट लोगे तो हो सकता है बड़े स्थान ले जाओ लेकिन इसके बाद गलती से भी चाटना मत छोड़ देना।
चाटना पत्रकारिता का वो धर्म है जो पत्रकारिता में आने के बाद ही हाकर लोकल संवाददाता को पता चलता है। अगर आप चाटना भूल गए तो हो सकता है कि आपकी पेपर की अमानत राशि मिलना बंद हो जाए व खबरों का कापी पेस्ट कर लोकल संवाददाता नाम का धौष दिखाना और ऐसी हालत में आप तुरंत किसी वरिष्ठ चाटुकार से संपर्क करें नहीं तो आपका भविष्य ख़तरे में हैं।
No comments