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हरेली तिहार हमर किसान भाई- बहिनी मन ला समर्पित तिहार हे - ओंकार साहू

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  धमतरी:- नगर निगम के हटकेशर वार्ड में श्री नागेश्वर बजरंग व्यामशाला द्वारा आयोजित हरेली त्यौहार के उपलक्ष में रास्सा ...

 



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

धमतरी:- नगर निगम के हटकेशर वार्ड में श्री नागेश्वर बजरंग व्यामशाला द्वारा आयोजित हरेली त्यौहार के उपलक्ष में रास्सा - कस्सी , कबड्डी प्रतियोगिता, गेड़ी दौड़, खु उहर्शी दौड़, कबड्डी तैराकी खेल का आयोजन किया गया जिसमें धमतरी विधायक मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचकर आयोजक समिति का उत्साहवर्धन किया और शहर वासियों से मुलाकात किये | साथ में धमतरी विधायक ओंकार साहू नें अपने उद्बोधन मे कहा हरेली त्योहार हरियाली का प्रतीक माना जाता है किसान अपनी फसल की सुरक्षा की कामना करते हुए हरेली त्यौहार मनाते हैं। जब किसान आषाढ़ के महीने में अपने खेत में फसल उगाता है तो श्रावण महीने के आते धान की फसल हरा-भरा हो जाता है तब किसान अपनी फसल की सुरक्षा हेतु हरेली तिहार मनाते हैं। धमतरी विधायक बताते हैं छत्तीशगढ़ का लोक तिहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है।

हरेली तिहार मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ प्रदेश में मनाया जाने वाला त्यौहार है छत्तीसगढ़ राज्य एक कृषि प्रधान प्रदेश है यहां की अधिकांश आबादी कृषक वर्ग से आते हैं। हरेली पर्व किसानों से ज्यादा तालुक रखता है क्योंकि किसान अपने खेत में फसल हरा भरा हो जाता है तब हरेली त्यौहार मनाते हैं। हरेली श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को किसान अपनी खेत एवं फसल की धूप दीप अक्षत से पूजा करते हैं ताकि फसल में किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रसित न हो। पूजा में विशेष रूप से भिलवा वृक्ष की पत्ते टहनियां तथा दशमूल को खड़ी फसल में लगाकर पूजा करते हैं धमतरी विधायक नें इस मान्यता पर चर्चा करते हुए कहा इससे कई प्रकार की हानिकारक कीट पतंगों एवं फसल में होने वाले बिमारियों से रक्षा होती है।

हरेली त्यौहार को पारम्परिक एवं लोक पर्व माना जाता है। प्राचीन मान्यता के अनुसार सुरक्षा के लिए इस दिन घरों के बाहर नीम की पत्तियां लगाई जाती हैं। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। धमतरी विधायक नें बताया जब वह छोटे थे तों दोस्तों के साथ गेड़ी चढ़कर हरेली त्यौहार का मजा लेते थे।

छत्तीसगढ़ में हरेली त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हरेली त्यौहार के दिन किसान अपनी खेती बाड़ी में काम आने वाली सभी औजार हल, फावड़ा, कुदाली और आधुनिक कृषि यंत्र जैसे ट्रेक्टर आदि को को नहलाकर पूजा की जाती है। हरेली एक पुराना पारंपरिक त्योहार है जो हिन्दुओं के पवित्र महीने श्रावण व शुरुआत का प्रतीक है। 

       हरेली त्योहार वास्तव में वर्ष के मॉनसून पर आधारित फसल का त्योहार है। हरेली अमावस्या को कोई भी किसान अपने खेतों में कार्य नहीं करते हैं इस दिन खेती कार्य करना वर्जित है। हरेली त्यौहार को गेड़ी चढ़ने का त्योहार भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग बांस की लकड़ी से गेड़ी बनाकर गेड़ी चढ़ते हैं , गेड़ी चढ़ने का आनंद ही अलग है लोग इस दिन गेड़ी चढ़कर आनंद के साथ उत्सव मनाते हैं इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से धमतरी विधायक ओंकार साहू , धमतरी नगर निगम के महापौर विजय देवांगन बीएल. निर्मलकर, गैदलाल साहू, कैलाश यादव ( पूर्व अध्यक्ष नागेश्वर व्याम शाला) , ईश्वर पटेल अध्यक्ष नागेश्वर व्याम शाला, सदस्य भूषण साहू, लोकेश नेताम, लोकेश साहू , इंद्र जीत निर्मलकर, किसन निर्मलकर , शालिक राम साहू, विनोद पटेल, गोलू निर्मलकर, संतराम ठाकुर, मोहित ठाकुर, खिलावन पटेल, भूपेंद्र यादव, गूलशन पटेल , चितेन्द साहू साथ में समस्त हटकेशर वार्ड वासियों कि उपस्थिति रही।

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