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शिक्षक: नारायण यादव ने ढकारे बच्चे का प्रोत्साहन राशि

    छत्तीसगढ कौशल न्युज  धमतरी: - धमतरी जिले के एक सरकारी स्कूल में राज्य सरकार द्वारा दिये गए बच्चों के हक के पैसों में डाका डालने वाले एक ...

 

 

छत्तीसगढ कौशल न्युज 

धमतरी:- धमतरी जिले के एक सरकारी स्कूल में राज्य सरकार द्वारा दिये गए बच्चों के हक के पैसों में डाका डालने वाले एक शिक्षक का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है,, दरसअल पूरा मामला बच्चों में सृजनशीलता और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने, उनके मौलिक और नव परिवर्तनों संबंधी विचारों को प्रदर्शित करने जिला-संभाग स्तरीय विज्ञान माडल प्रदर्शनी का आयोजन 7 एवं 8 फरवरी 2024में दो दिवसीय सेंट मेरी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में किया गया था। इस आयोजन में बच्चो का पूरे ध्यान रखते हुए बच्चे को स्कूल पहुंचने व खाने से लेकर रुकने का पूरी व्यवस्था शासन द्वारा रखा गया था साथ ही बच्चो को आयोजन सृजनशीलता और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने, उनके मौलिक और नव परिवर्तनों संबंधी विचारों को प्रदर्शित करने मनोबल बढ़ाने के लिए शासन द्वारा बच्चो के बैंक खाते में 10,000हजार रू डाला गया था।

        लेकिन धमतरी जिले के अंदर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सेमरा (डी) में एक चौकाने वाला मामला उजागर हुआ है। जिसमें विज्ञान प्रदर्शनी में एक बच्चे का संभागीय स्तरीय चयनित हुआ था। छात्रा समीर साहू पिता खेमन साहू ..का क्लास 7वी में स्पर्धा में चयन हुआ था। शासन द्वारा चयनित बच्चे के बैंक खाता में 10,000हजार रु में डाला गया था। जो माडल और कुछ आने जाने में खर्च करना था। लेकिन छात्रा समीर साहू से शिक्षक नारायण यादव (धमतरी) वाले ने 10,000हजार रु मांगा गया और छात्रा व खेमन साहू (पालक) को मात्र 1000 रु दिया गया।

 हमारी टीम सेमरा (डी) पहुंचे.. 

 प्रश्न पत्रकार - समीर को धमतरी कौन लेकर गया था।

 पालक - मैं लेकर गया था।

प्रश्न पत्रकार - शिक्षक क्यों नहीं लेकर गया।

पालक - सुबह 6, 7बजे का पहुंचना रहेगा आप लेकर आना और मुझे आने जाने के लिए 1000 रु दिया गया।

पालक - मेरे बच्चे के खाते में शासन द्वारा 10,000 डाला गया था जो शिक्षक नारायण साहू द्वारा बार बार राशि के लिए दबाव बनाया गया जिससे मैं शिक्षक को 10,000 रु दिया हूं।

 पत्रकार - 10,000 रु आपके बच्चे और माडल बनाने के लिए आया था।

स्कूल पहुंचे से सवाल...

 प्रश्न पत्रकार - छात्रा को माडल प्रियदर्शनी में पहुंचाने की जिम्मेवारी किसको मिला था।

उत्तर शिक्षक - शासन द्वारा बच्चे को जिम्मेवारी मुझे सौपा था। 

प्रश्न पत्रकार - माडल बनाने में कितना खर्च आया और बिल है।  

उत्तर शिक्षक - टाल मटोल जवाब और बिल नही है।

प्रश्न पत्रकार - छात्रा से आप 10,000 रु आप मांगे हो

उत्तर शिक्षक - जी मै पूरा 10,000 मांगा हु और बच्चे के पालक को एक हजार वापस किया हू। बचत राशि का को जवाब नहीं मिला मतलब साफ होता है की छोटे बच्चो का मुंह से निवाला निकाला है जो शिक्षक अपने वेतन से संतुष्ट नहीं है ऐसे में ग्राम सेमरा (डी) स्कूल का भविष्य अंधेरे मय है। शासन द्वारा स्कूल और बच्चो के लिए कई ऐसी योजनाएं संचालित है जो शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक करोड़ रु खर्च कर रहे है। 

बता दें कि सत्ता बदलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में सुशासन स्थापित करने अधिकारी कर्मचारी को निर्देशित किया है और जांच की कार्रवाई निरंतर चल रही है, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने का कार्य जारी है, और जो भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। अब इस खबर के प्रकाशन होने के बाद देखना यह लाजमी होगा कि शिक्षा विभाग किस प्रकार की कार्यवाही ऐसे शिक्षक के खिलाफ करता है या मामला साठगांठ करके रफादफा कर दिया जाता है,,,

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