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हरेली पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

  छत्तीसगढ कौशल न्युज  धमतरी:- अगस्त को सेमरा बी में हरेली महोत्सव वृक्षारोपण कर मनाया गया। वात्सल्य सृजन यूथ आर्गेनाइजेशन छ.ग. के युवकों क...

 



छत्तीसगढ कौशल न्युज 

धमतरी:- अगस्त को सेमरा बी में हरेली महोत्सव वृक्षारोपण कर मनाया गया। वात्सल्य सृजन यूथ आर्गेनाइजेशन छ.ग. के युवकों के द्वारा माँ दंतेश्वरी प्रांगण में नीम का पौधा का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। संस्था के अध्यक्ष यशपाल साहू ने हरेली पर्व के बारे में बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा यह पहला त्यौहार है। सावन मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह त्यौहार वास्तव में प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का लोकपर्व है। हरेली के दिन किसान अच्छी फसल की कामना के साथ धरती माता का सभी प्राणियों केे भरण-पोषण के लिए आभार व्यक्त करते हैं। सभी लोग बारिश के आगमन के साथ चारो ओर बिखरी हरियाली और नई फसल का उत्साह से स्वागत करते हैं।

हरेली पर्व को छोटे से बड़े तक सभी उत्साह और उमंग से मनाते हैैं। गांवों में हरेली के दिन नागर, गैती, कुदाली, फावड़ा समेत खेती-किसानी से जुड़े सभी औजारों, खेतों और गोधन की पूजा की जाती है। सभी घरों में चीला, गुलगुल भजिया का प्रसाद बनाया जाता है। पूजा-अर्चना के बाद गांव के चौक-चौराहों में लोगों का जुटना शुरू हो जाता है। यहां गेड़ी दौड़, नारियल फेक, मटकी फोड़, रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताएं देर तक चलती रहती हैं।

लोग पारंपरिक तरीके से गेड़ी चढ़कर खुशियां मनाते हैं। माना जाता है कि बरसात के दिनों में पानी और कीचड़ से बचने के लिए गेड़ी चढ़ने का प्रचलन रहा है, जो समय के साथ परम्परा में परिवर्तित हो गया। इस अवसर पर किया जाने वाला गेड़ी लोक नृत्य भी छत्तीसगढ़ की पुरातन संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। हरेली में लोहारों द्वारा घर के मुख्य दरवाजे पर कील ठोककर और नीम की पत्तियां लगाने का रिवाज है। मान्यता है कि इससे घर-परिवार अनिष्ट से बचे रहते हैं।

उक्त कार्यक्रम में सदस्य भूपेंद्र साहू, हिमांशु साहू, यादराम साहू एवं ग्रामीण युवकों व वरिष्ठजनों में हेमलाल, सुरेंद्र चंद्राकर, भानुप्रताप साहू, खुलेश्वर साहू, हेमलाल साहू शिक्षक की उपस्थिति रही। संस्था ने देश व्यापी चल रहे अभियांन एक पेड़ माँ के नाम में व्यक्तिगत सहाभागिता से पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।

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