छत्तीसगढ़ कौशल समाचार कुरूद:- विंधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी घोषित होने के पश्चात दोनो पक्ष के नेतागण नीलम चंद्र...
कुरूद:- विंधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी घोषित होने के पश्चात दोनो पक्ष के नेतागण नीलम चंद्राकर के प्रथम प्रहार की चुनाव में अजय चंद्राकर का जमानत जब्त करवा देंगे फिर अजय चंद्राकर द्वारा बयान बाजी। दोनो के इस बयान बाजी के ऊपर सुझाव देते पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मीकांता व हेमंत साहू उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस धमतरी ने कहा दोनो का यह कथन अहंकार का प्रतीक है। संस्कारित शब्द यह कहता है की चुनाव हमारे पक्ष में आएगा और भारी बहुमत से जीतेंगे।
रही बात नीलम चंद्राकर के बयान का जवाब देते अजय चंद्राकर का कथन की पिछले दफा कांग्रेस प्रत्याशी का जमानत जब्त हो गया इस बार की कांग्रेस प्रत्याशी तारिणी चंद्राकर का भी जमानत जब्त होगा। प्रश्न ये उठता है कि दोनो एक दूसरे की जमानत जब्त करवा देंगे तो जीतेगा कौन? इस शब्दावली के आगे का उदाहरण दे तो पिछले चुनाव में 7विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे किसी को सिर्फ 15000 हजार वोट तो किसी को 17000 हजार व 20000 हजार मतों से संतोष करना पड़ा। मैं कुरूद विधान सभा से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी थी मुझे 26640 मत प्राप्त हुआ जमानत के सम्मान हेतु 300 मतों की दरकार थी।
किन्तु ऐसा क्यों हुआ...?
इस परिणाम से सभी अवगत है। पूरे नब्बे विधानसभा में राज नीति के कुचक्र कथा,षडयंत्र गाथा, दुष्प्रचार व अफवाह का गरम बाजार यदि देखना व सुनना है तो उसका सबसे बड़ा नमूना कुरूद विधान सभा क्षेत्र है। जहां सच को झूठ व को खलनायक बना दिया जाता है तो खलनायक को नायकचुनाव में हार जीत सिक्के के दो पहलू है। इतिहास गवाह है यहां तो कई मुख्यमंत्री तक को हार का सामना करना पड़ा। एक मुख्यमंत्री का चुनाव परिणाम तो तीसरे नंबर पर आया।
प्रधानमंत्री के दावेदार को भी हार का सामना करना पड़ा है। तो फिर नए प्रत्याशी विधायक व मंत्री का क्या कहे। ऐसा न हो बार बार किसी के घाव को कुरेदना खुद के लिए घाव न बन जाए। लोकतंत्र महायज्ञ की शुरुवात यदि आपसी भाईचारे, प्रेम सौहाद्र, एक दूसरे के सम्मान के साथ हो तो पूरे पांच साल क्षेत्र में शांति व विकास की ही बात होगी। मैं नामांकन फार्म भरने के इस समयावधी में आप सभी से आहवान करती हूं कि चुनाव में एक दूसरे को नीचा न दिखाते अपने व पार्टी की सम्मान के लिए चुनाव मैदान में जन आशीर्वाद लेने जाए। यही प्रिय जननेता की पहचान है। जिससे स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना होगी।
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