छत्तीसगढ़ कौशल न्युज कुरुद:- भादो के पवित्र महीने में विराजने वाले भगवान श्री गणेश जी का उत्सव अपने चरम पर है। चारों ओर हर्षोल्लास छाया हु...
छत्तीसगढ़ कौशल न्युज
कुरुद:- भादो के पवित्र महीने में विराजने वाले भगवान श्री गणेश जी का उत्सव अपने चरम पर है। चारों ओर हर्षोल्लास छाया हुआ है।लगातार बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नही हुआ है। कुरुद सहित ग्रामीण अंचल में मंगलमूर्ति विघ्नहर्ता की मनमोहक मूर्ति व स्थल सजावट ने मन मोह लिया है। सिद्धि विनायक जी की सुबह-शाम आरती पूजन कर लोग जनकल्याण की कामना में लगे हुए है। लंबोदर महराज की मनभावन व आकर्षक मूर्ति को नगर में बड़े-बड़े पंडाल में पूरी भव्यता के सजाकर विराजित किया गया है। कुरुद में हर साल की तरह इस बार गणेशोत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।यहां का स्थल सजावट व विसर्जन झांकी की भव्यता देखते ही बनती है।
विदित है कि प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है।गणेश चतुर्थी देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की जयंती का प्रतीक है और भक्त इस दौरान धन, समृद्धि और सफलता की कामना करते हुए अपने घरों में उनका स्वागत करते हैं।हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आती है,इसे गणेशोत्सव भी कहा जाता है, यह 10 दिनों का त्योहार होता हैजिसका समापन अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी गणेश विसर्जन के साथ होता है। गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चर्तुथी तिथि को हुआ था।इस वजह से हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।गणेश जी की चार भुजाएं हैं और वे अपनी चारों भुजाओं में क्रमश: अंकुश, पाश, मोदक से भरा पात्र और वरद मुद्रा धारण करते हैं।वे पीले वस्त्र पहनने वाले, बड़े पेट वाले और कानों वाले हैं वे लाल चंदन धारण करते हैं।गणेश जी को भोग में मोदक प्रिय है और फूलों में लाल रंग का पुष्प उनको भाता है।
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