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विनाश काले विपरीत बुद्धि को दर्शाता, गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी छोड़े - लक्ष्मीकांता हेमंत साहू

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज कुरूद। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय नेता मान. गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद लगातार कांग्रेस के खिलाफ...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

कुरूद। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय नेता मान. गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद लगातार कांग्रेस के खिलाफ उनके बयानबाजी पर पूर्व प्रदेश वक्ता व छाया विधायक कुरूद लक्ष्मीकांता साहू व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष हेमंत साहू ने अपने संयुक्त बयान में प्रेस से कहा कि भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजादी दिलाने वाली कांग्रेस पार्टी देश के लिए बलिदानी कांग्रेस पार्टी भारत देश को बुनियादी ढांचागत विकास की राह पर खड़ी करने वाली कांग्रेस पार्टी ऐसे महान कांग्रेस पार्टी जिनका नाम इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया हो उनके बारे मे आपकी टिप्पणी घोर निंदनीय है। आपका जन्म गुलामी के समय हुआ था व आजाद भारत में आपने सांस लेना प्रारंभ किया गुलाम नबी आजाद नाम देश में शायद एक ही व्यक्ति का प्रथम नाम होगा जिनके नाम में गुलामी भी है व आजादी भी आपके नाम के अनुरूप जिस कांग्रेस पार्टी ने गुलामी से आजादी दिलाई स्वतंत्र भारत में आपने सांस लिया, पले, बड़े आगे बढ़े, हेमंत साहू ने आगे कहा आप होस संभालते ही पिछले पचास बरस से कांग्रेस में है। कांग्रेस नीत सरकार में लगातार आप राज्य व केंद्र में विधायक सांसद मंत्री, विपक्ष के नेता रहे व कांग्रेस संगठन के प्रमुख पदों में रहे। आपने कांग्रेस की सबसे दुखद पल इंदिरा गांधी जी व राजीव गांधी जी का शहादत देखा दुख में सुख में कांग्रेस में साथ रहे, लेकिन जिस पार्टी ने आपको मान सम्मान प्रतिष्ठा व पहचान दिलाई उस कांग्रेस पार्टी के आज संघर्ष की घड़ी में पार्टी छोड़ना ऊपर से पार्टी के खिलाप गलत बयान बाजी करना आज के दलबदलु राज नेताओ जो अपने व्यतिगत पद लोलुपता में व उम्र के अंतिम पड़ाव में अपने मातृभूमि पार्टी को ठुकराना विनाश काले विपरीत बुद्धि को दर्शाता है। राजनीति की परिभाषा अपने स्थान पर अडिग है चिर स्थाई है। लेकिन ? 

राजनीति के जानकार, बुद्धिजीवी, आम जनता का भरोसा ऐसे राजनेताओं की वजह से टूटा है व जिस भी राष्ट्रीय पार्टी के बड़े नेता पार्टी छोड़ते हैं तो उनके कार्यकर्ता जो उन्हे अपना आइडल मानते है उनका सम्मान करते है उनके लिए अपना प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार रहते है उनके मन में हताशा , निराशा व कई लोग अवशाद में अपना मानसिक संतुलन खो देते है, पर इन्हे क्या इन्हे तो अपना स्वार्थ व कुर्सी ही दिखाई पड़ता है। 

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