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कुरुद में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मुकेश कश्यप कुरूद:- समूचे देश भर में गिरधर गोपाल श्रीकृष्ण जी का जन्माष्टमी पर्व का हर्षोल्लास छाया हुआ है।शुक्रवार ...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

मुकेश कश्यप कुरूद:- समूचे देश भर में गिरधर गोपाल श्रीकृष्ण जी का जन्माष्टमी पर्व का हर्षोल्लास छाया हुआ है।शुक्रवार को कुरुद सहित अंचल में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है।सुबह से ही भक्तिमय वातावरण बना रहा।विभिन्न स्थानों व मंदिरों में कृष्णभक्ति मय गीतों की गूंज उमड़ती रही साथ भजन कीर्तन जारी रहा।श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मुरली मनोहर की आराधना की।घरों में नन्हे-मुन्हे बच्चों में कृष्ण-राधा का रूप धारण कर सबका मन मोहा। घरों में लड्डू गोपाल कृष्ण जी की पूजा आराधना विधिवत की गई और प्रसादी भोग लगाकर जनकल्याण की कामना की जा रही है।विभिन्न स्थानों पर मटकी फोड़ दही हांडी स्पर्धा चल रही है।

        विदित है कि कृष्ण जन्माष्टमी जिसे जन्माष्टमी वा गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है।प्रतिवर्ष परंपरा नुसार कृष्ण पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में मनाया जाता है।

            पुराणों के मुताबिक श्रीकृष्ण त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु के अवतार हैं। कृष्ण के आशीर्वाद और कृपा को पाने के लिए हर साल लोग इस दिन व्रत रखते हैं, मध्य रात्रि में विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

भजन कीर्तन करते हैं, और जन्मोत्सव मनाते हैं। इस दिन के लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है। कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी पर दही-हांडी का भी उत्सव होता है।

                  जन्माष्टमी पर भक्त श्रद्धानुसार उपवास रखते हैं।भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं। बाल गोपाल का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी की तिथि की मध्यरात्रि को घर में मौजूद लड्डू गोपाल की प्रतिमा का जन्म कराया जाता है। फिर उन्हें स्नान कराकर सुंदर वस्त्र धारण कराए जाते हैं। फूल अर्पित कर धूप-दीप से वंदन किया जाता है। कान्हा को भोग अर्पित किया जाता है। उन्हें दूध-दही, मक्खन विशेष पसंद हैं। इसलिए भगवान को भोग लगाकर सबको प्रसाद वितरित किया जाता है।

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