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स्काउट-गाइड दल संचालन हेतु कार्यशाला का आयोजन

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मुकेश कश्यप@कुरुद:- भा रत स्काउट्स एवं गाइड्स विकास खंड स्थानीय संघ कुरूद द्वारा भखारा जोन के समस्त प्राथमिक शाला एवं...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

मुकेश कश्यप@कुरुद:- भारत स्काउट्स एवं गाइड्स विकास खंड स्थानीय संघ कुरूद द्वारा भखारा जोन के समस्त प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला के प्रभारी के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भखारा में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ ईश प्रार्थना एवं मां सरस्वती के छाया चित्र पर पूजन अर्चन से किया गया।

          अध्यक्ष कमलेश शर्मा ने कहा कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स का उद्देश्य अपने कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण के द्वारा युवाओं को अनुशासित, स्वावलंबी एवं बहुमुखी प्रतिभा संपन्न बना कर देश व समाज को सुयोग्य नागरिक प्रदान करना है। इसी कडी़ में कब बुलबुल एवं स्काउटिंग की गतिविधियां बच्चों को अंदर से सुसज्जित एवं व्यवस्थित करने का एक सशक्त माध्यम है। साथ ही कहा कि कब एवं बुलबुल की गतिविधियां समस्त प्राथमिक विद्यालयों में संचालित करना हमारा प्रमुख उद्देश्य है जिसकी पूर्ति एवं कर्तव्य निर्वहन के लिए यह कार्यशाला का आयोजन प्रमुखता के साथ किया जा रहा है। कब बुलबुल की गतिविधियों में सेवा भाव को विकसित कर बच्चों को राज्य पुरस्कार एवं राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए तैयार किया जाता है। शिक्षक हमेशा से ही समाज का मार्गदर्शक व पथ प्रदर्शक रहा है इसी भाव को व्यक्त करते हुए अध्यक्ष ने समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए कब बुलबुल के संचालन हेतु आमंत्रित किया।

               जिला सचिव डीके साहू के द्वारा बताया गया कि प्राथमिक विद्यालय में अध्यनरत बालक कब व बालिका बुलबुल कहलाती है। बच्चों का कब और बुलबुल में पंजीयन के लिए न्यूनतम 6 वर्ष निर्धारित है। कब शेर के बच्चे का नाम है वहीं बुलबुल पक्षी का नाम है जो कि अत्यंत ही चंचल होती है। जिन्हे खेल - खेल के माध्यम से ही जीवन कौशल, व्यवहारिक, सामाजिक, मानवता, सेवा,देशभक्ति, व्यक्तित्व विकास आदि सिखाया जाता है। साथ ही राज्यपाल एवं राष्ट्रपति पुरस्कार तक के पाठ्यक्म पूर्ण कराये जाते है। प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के बच्चों का दल पंजीयन अत्यंत ही सरल है । दल पंजीयन फार्म के साथ बच्चों की सूची लगाकर आसानी से कब - बुलबुल एवं स्काउट गाइड के रूप में पंजीयन कराया जा सकता है। इनके अलावा प्रथम चरण, द्वितीय चरण, तृतीय चरण, गोल्डन एरो तथा प्रभारियों के प्रशिक्षण संबंधित जानकारी प्रदान की गयी। वही माध्यमिक शाला के लिए स्काउट्स एवं गाइड्स के रूप में बच्चों की दल पंजीयन 10 वर्ष पूर्ण कर चुके बालक बालिका का किया जा सकता है। अनिवार्य शिक्षा के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के बच्चों के पंजीयन निःशुल्क है। प्रथम सोपान ,द्वितीय सोपान ,तृतीय सोपान प्रशिक्षण ,समस्त विद्यालयों का ऑनलाइन पोर्टल में पंजीयन संबंधित जानकारी प्रदान किया गया। बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु संस्था के कब/बुलबुल/स्काउट/गाइड प्रभारियों के अप्रशिक्षित शिक्षक साथियों को प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया गया जिस पर सभी ने सहर्ष अपनी सहमति प्रदान की । नेम लाल गंगेले डी ओ सी स्काउट के द्वारा विद्यालय समय अवधि में कब बुलबुल का संचालन की जानकारी प्रदान की गई। एक कब मास्टर के रूप में व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए बताया कि प्राथमिक विद्यालय में होने वाली समस्त गतिविधियां जैसे कि बच्चों को खेल खेल में व्यक्तित्व विकास, सेवा के रूप में माता-पिता एवं बड़ों की आज्ञा मानना, स्वयं के लिए कपड़े पहनना, जूता साफ करना, जूते की रस्सी बांधना, किसी व्यक्ति का पता बताना, पौधों को पानी देना, दोस्तों की मदद करना आदि समाहित है।

     उपाध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने शिक्षकों को अपने शैक्षणिक गतिविधियों के साथ देश और समाज हित के कार्यक्रम से जुडने का आव्हान किया। बहती हुई धारा के विपरीत प्रयास करना गति जबकि धारा की दिशा में ही संपूर्ण प्रयास प्रगति कहलाता है ऐसे विचारों के साथ शिक्षकों को प्रोत्साहित किया।

      सभापति वेदनाथ चंद्राकर ने कहा कि भारत स्काउट्स गाइड्स देश के युवाओं का सबसे बडा वर्दीधारी अराजनीतिक संगठन है। इस संगठन में कब एवं बुलबुल प्रारंभिक सिंह रही है जहां पर बच्चों को खेल ही खेल में नैतिकता व सामाजिकता की भाव को समावेश करना सिखाया जाता है।

      सुशीला निर्मलकर ने कहा कि प्राथमिक शाला के बच्चों को कब बुलबुल एवं माध्यमिक शाला के बच्चों को स्काउटिंग से जोड़कर मानवता, समाज एवं देश सेवा के लिए प्रेरित करें । जीवन के लिए स्काउटिंग अत्यंत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल विपरीत परिस्थितियों में हमें वैचारिक संबद्धता प्रदान करती है बल्कि अल्प संसाधन मेरी जीवन यापन करना सिखाता है। इससे आत्मविश्वास में बढोतरी के साथ जीवन मे आने वाले संघर्षों में सफलता कैसे प्राप्त हो यह भी ज्ञान प्राप्त होता है।

        बैठक में धीरज दीवान, मिकेश साहू, पंचकुमार ध्रुव, रूपन साहू,अर्चना सोन, कल्याणी, नीरा साहू, सोहद्रा साहू, रविंद्र, नागेंद्र नेताम, छत्रपाल निषाद, नरेंद्र साहू, चंद्रहास बंजारे, तरुण तारक, रूमेश लाल, ईश्वर साहू, दुष्यंत ध्रुव, नारायण दास, दिलीप देशलहरे, खिलेंद्र प्रकाश, रवि ठाकुर, पूरण लाल, हरिश्चंद्र नेताम, पंचराम ध्रुव, आशीष साहू, रामलाल निषाद, पूरन साहू, तोरण साहू, ओमप्रकाश रात्रे, लाल बहादुर, संतोष मार्कंडेय, शतरूपा दीवान, उत्तम केतवाणी, चिमनलाल, रुकमणी नेताम, राकेश साहू, उषा साहू, ओमप्रकाश सोनवानी आदि उपस्थित रहे।

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