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कुरुद: सावन के पहले सोमवार को भोले की भक्ति में डुबे श्रद्धालु

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मुकेश कश्यप कुरुद:- सावन के पहले सोमवार के दिन नगर व अंचल में भक्तों ने शिव जी की पूजा आराधना कर भोले भंडारी के दरबार...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

मुकेश कश्यप कुरुद:- सावन के पहले सोमवार के दिन नगर व अंचल में भक्तों ने शिव जी की पूजा आराधना कर भोले भंडारी के दरबार मे जनकल्याण की अर्जी लगाई।सोमवार को महादेव शंकर भगवान जी के आंगन में सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ उमड़ी। दिनभर विभिन्न शिव मंदिरों में लोगो ने पहुंचकर श्रद्धा भक्ति व आस्था के फूल चढ़ाते हुए अपनी श्रद्धा प्रकट की।इसी तरह शाम को भजन मंडली द्वारा भव्य भजनो की प्रस्तुति हुई।

          शास्त्रों एवं पुराणों के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव एवं माता पार्वती को समर्पित है। भगवान शिव को श्रावण का महीना अत्यंत प्रिय है। श्रावण मास वर्षा एवं हरियाली का समय होता है और यह अति मनमोहक समय होता है।श्रावण मास का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण है, लेकिन श्रावण मास में सोमवार का विशेष फल है। श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ का पूजन-अर्चना करने तथा जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, जप इत्यादि का विशेष फल है. कहा जाता है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।इस श्रावण मास में रामचरित मानस एवं राम नाम संकिर्तन का विशेष महत्व है।

           पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण के महीने में माता पार्वती ने तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया था. इसलिए भी भगवान भोले नाथ को यह मास अत्यधिक प्रिय है।

           श्रावण मास में पार्थिवलिंग पूजन का विशेष महत्व होता है। जिन भक्तों को पुत्र की कामना होती है, वो पार्थिवलिंग पूजन करें, शिवार्चन करें और गाय के दूध से अभिषेक करें, इससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जो भक्त रोग, शोक से पीड़ित हों, वह भगवान भोलेनाथ को गंगाजल एवं कुश मिश्रित जल से अभिषेक करें। सुहागिन स्त्रियां अपने पति एवं पुत्र की लंबी आयु के लिए व्रत रख सकती हैं। कुंवारी कन्याएं अच्छे पति को प्राप्त करने के लिए सोमवार व्रत करती हैं. जो भक्त जिस कामना को लेकर भोलेनाथ के दरबार में जाता है और श्रद्धा से पूजन-पाठ करता है, उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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