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जांच में फर्जीवाड़ा: विधायक ने कलेक्टर को कार्यवाही का लिखा चिट्ठी -- छत्तीसगढ़ टीचर्स असोसियेशन

  विधायक डॉक्टर लक्ष्मी ध्रुव ने संगठन के ज्ञापन पर कलेक्टर धमतरी को जांच में फर्जीवाड़ा कर जिला प्रशासन को बदनाम करने वाले विकासखण्ड शिक्षा ...

 

विधायक डॉक्टर लक्ष्मी ध्रुव ने संगठन के ज्ञापन पर कलेक्टर धमतरी को जांच में फर्जीवाड़ा कर जिला प्रशासन को बदनाम करने वाले विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी एवम उनको संरक्षण प्रदान करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी की जांच कर, कड़ी़ कार्यवाही का पत्र 17.11.2021 को प्रेषित किया गया है

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज 

धमतरी । छत्तीसगढ़ टीचर्स असोसियेशन विकासखण्ड नगरी द्वारा सौपे गए ज्ञापन के अनुसार वर्ष 2019 में तत्कालीन बीईओ नगरी एवम बीआरसी नगरी के विरुद्ध आर्थिक अनियमितता की शिकायत, सिहावा विधानसभा के विधायक डॉक्टर लक्ष्मी ध्रुव सहित जिला प्रशासन को छ. ग.पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ ,विकाशखण्ड नगरी द्वारा पत्र क्रमांक 227 , दिनांक 27.06.2019को किया गया था जिसमे कलेक्टर धमतरी के आदेश क्रमांक 6516 /शिकायत /सतर्कता /जांच/2019-20 धमतरी दिनांक 15.7.2019 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी नगरी को जांच अधिकारी नियुक्त कर प्रकरण की 15 दिवस में जांच हेतु आदेश जारी किया गया साथ ही विभिन्न स्कूलों के लघु मरम्मत हेतु 2018-19 में प्राप्त राशि की विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा दबाव बनाकर शिक्षको से की गयी वसूली की शिकायत 13.8.2019 को जिलाधीश धमतरी को किया गया सभी शिकायतों की जांच एवं कार्यवाही नही होने पर विकासखण्ड नगरी के समस्त शिक्षको के सयुक्त मोर्चा द्वारा दिनांक 22 .8.2019 को एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया गया।

दिनांक 22.8.2019 के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर धमतरी ने बीईओ एवम बीआरसी नगरी को निलंबित किया।इसी प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी के द्वारा निर्देशित 3 सदस्यीय जांच दल के द्वारा बीईओ कार्यालय नगरी का रैंडम जांच किया गया एवम जांच अधिकारियों ने मंगल सिंह वनराज सहायक ग्रेड 02 को शासकीय आवास में रहते हुए 49माह तक आवास भत्ता कुल 39054 रुपये एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी को भी शासकीय आवास में रहते हुए 19 माह का आवास भत्ता कुल रुपये 37620 का लाभ नियमित वेतन से लेकर आर्थिक अनियमितता का दोषी पाया जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षाअधिकारी धमतरी ने मंगलसिंह वनराज को शासन को गुमराह करने के लिए निलंबित कर,39054 रुपये शासन के खाते में जमा करने का निर्देश दिया गया, 

सम्बंधित कर्मचारी के अभ्यावेदन पर जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी के आदेश क्रमांक8356/शिकायत/सतर्कता धमतरी दिनांक 7.9.2019को आवेदक द्वारा 39054 रुपये के राशि जमा करने पर भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न करने की कड़ी चेतावनी देते हुए निलम्बन से बहाल कर अन्य कार्यालय में पदस्थ कर दिया गया जिसके बाद आवेदक द्वारा छ.ग.प.नग.निकाय शिक्षक संघ विकाशखण्ड नगरी के पदाधिकारियों को अपने निलम्बन का जिम्मेदार बताकर द्वेष एवं बदले की भावना से काल्पनिक विषयवस्तु लेकर जांच प्रतिवेदन में प्रतिकूल टीप लिखे गए अन्य प्रभारी कर्मचारियों के साथ मिलकर माननीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत किया गया जिस पर जांच कर कार्यवाही करने हेतु माननीय आयोग ने कलेक्टर धमतरी को पत्र लिखा था जिस पर कार्यवाही करते हुए कलेक्टर धमतरी ने डीईओ धमतरी को जांच प्रतिवेदन का निर्देश दिया था, डीईओ धमतरी द्वारा दिनांक 7/8/2021 को , पुनः प्राचार्य देवपुर एस.के.प्रजापति,एवम वर्तमान विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी को जांच अधिकारी बनाकर दोनों पक्षों का बयान लेकर प्रतिवेदन का निर्देश दिया गया,लेकिन जांच अधिकारियों ने बिना जांच किये , 

बिना बयान लिए षड्यंत्र पूर्वक दुर्भावना एवं अनुशासनहीनता से कूटरचना करके विभागीय प्रशासनिक कार्यवाही का दोषारोपण छ.ग.प.न.नि.शिक्षक संघ नगरी (वर्तमान में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन नगरी)के पदाधिकारियों के ऊपर दोषारोपण करते हुए जिला प्रशासन पर दबाव बनाकर आवेदक को निलम्बन कराना बताकर, फर्जी जाँच प्रतिवेदन डीईओ कार्यालय को 16.8.2021 प्रस्तुत किया गया है, ताकि कलेक्टर महोदय को गुमराह करके पदाधिकारीयों के ऊपर षडयंत्र पूर्वक कार्यवाही कराया जा सके।

पूर्व में भी आयोग के अन्य सन्दर्भित क्रमांक 7823, दिनांक 23/12/2019 के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी द्वारा विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी को जांच हेतु पत्र क्रमांक 1898 /शिकायत /सतर्कता /जांच /2019-20 धमतरी दिनांक 06.03.2020 द्वारा निर्देशित किया गया था ।

जिसमे पुनः विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी द्वारा एस.के.प्रजापति प्राचार्य देवपुर एवं एक अन्य प्राचार्य को जांच का निर्देश दिया गया,जिसमे भी जांच को मनमानी तरीके से भेजकर संगठन द्वारा जिला प्रशासन पर दबाव बनाकर मंगलसिंह वनराज को निलंबित करवाने का लेख किया गया है जिसे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय धमतरी के द्वारा पत्र क्रमांक/2240/शिकायत /सतर्कता /धमतरी दिनांक 08/04/2021 को जिलाधीश महोदय को प्रस्तुत किया गया है,जो कि जिला प्रशासन के साथ साथ संगठन को भी बदनाम करने का षडयंत्र है, इस प्रकार बार बार उक्त प्राचार्य को सलग्न कर फर्जी जाँच प्रतिवेदन भेजकर जिलाधीश धमतरी को गुमराह किया जा रहा है ।

वर्ष 2019 में ही संगठन द्वारा किये गए लघु मरम्मत में वसूली की शिकायत पर भी जांच अधिकारी एस के प्रजापति प्राचार्य देवपुर को ही जांच अधिकारी बनाकर प्रकरण को दुर्भावना पूर्वक ,अपूर्ण जांचकर मनमानी करके प्रकरण में मनमानी किया गया है इनके संस्था में भी मरम्मत के नाम पर वसूली की शिकायत होने पर भी इनके द्वारा कोई जांच नही किया गया है, संगठन के द्वारा किये गए प्रामाणिक शिकायत को दबाने के उद्देश्य से उक्त प्राचार्य को जांच अधिकारी का आदेश किया जाता रहा है, जो कि जांच का विषय है इनके द्वारा इस मामले में भी जिला प्रशासन को गुमराह किया गया हैं।

संगठन को सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज से स्पष्ट है कि कलेक्टर धमतरी के अनुमोदन से डीईओ ने अपने कार्यालय के जांच अधिकारियों द्वारा जांच उपरान्त गंभीर वित्तीय अनियमितता पर शासन के राशि को वापस जमा करवाकर ,शिकायतकर्ता पर कार्यवाही किया गया है। लेकिन इसी निलम्बन की कार्यवाही को जाँच अधिकारियों ने जिलाप्रशासन द्वारा संगठन के दबाव में किये जाने का दोषारोपण लगाकर जिलाप्रशासन को षडयंत्र पूर्वक बदनाम करने का प्रयास किया है। जांच अधिकारी एस.के. प्रजापति 2014-15 में प्रभारी विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी रहे है जांच प्रतिवेदन के अनुसार उनके कार्यकाल में ही जुलाई 2015 में शासकीय आवास में रहते हुए कार्यालय के स्थापना शाखा के कुछ कर्मचारियों को गुमराह कर अवैधानिक तरीके से गृह भाड़ा जोड़कर लाखो रुपये का आर्थिक अनियमितता किया गया है,

जो जांच का विषय है,आवेदक को इसी मामले में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा निलंबित किया गया है,इस प्रकरण में जांच किये जाने पर इनके द्वारा इसी प्रकार के आर्थिक अनियमितता के अन्य प्रकरण में लाखों रुपयों लोकधन की वसूली की जा सकती है,पर जिला कार्यालय द्वारा कोई कार्यवाही नही किया गया है,अपने कार्यकाल के आर्थिक अनियमितता को दबाने के उद्देश्य से लगातार प्राचार्य देवपुर संतोष प्रजापति द्वारा फर्जी जांच किया जाता रहा है।संगठन द्वारा 2014-15 में इसी प्राचार्य द्वारा किये गए आर्थिक अनियमितता के एक प्रकरण में गोपनीय चरित्रावली चेतावनी की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा इन पर किया गया था ,इसीलिए ये संगठन के प्रति दुर्भावना रखते है।

इस पूरे प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी एवं परीक्षण अधिकारियों द्वारा उक्त जांच अधिकारियों को संरक्षण प्राप्त है, इसीलिए बिना तथ्य के ही फर्जी जांच प्रतिवेदन और पूर्व निलम्बन की समस्त कार्यवाही की जानकारी होने के बाद भी पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया गया,जो कि जिला शिक्षा विभाग धमतरी के द्वेषपूर्ण कार्यवाही को इंगित करता है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स असोसिएसन जिला धमतरी द्वारा जांच में फर्जीवाड़ा एवम जिलाप्रशासन को बदनाम करने वाले जांच अधिकारियों प्राचार्य देवपुर,एस.के.प्रजापति एवं वर्तमान विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी एवम जांच अधिकारियों को संरक्षण प्रदान करने वाले जिला शिक्षाअधिकारी पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग जिला अध्यक्ष भूषण चंद्राकर ,प्रांतीय उपाध्यक्ष देवनाथ साहू,प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारिख सहित ब्लॉक अध्यक्ष नगरी शैलेन्द्र कौशल, ब्लॉक अध्यक्ष धमतरी गेवाराम नेताम ,ब्लॉक अध्यक्ष कुरूद दिनेश साहू जिला उपाध्यक्ष तीरथ अटलखाम , विकाशखण्ड नगरी के सचिव टीकम सिन्हा, कोषाध्यक्ष तोमल साहू, प्रांतीय मीडिया प्रभारी कैलाश सोन और अन्य सभी सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री, राज्यपाल ,शिक्षामंत्री ,संचालक महोदय , विधायक एवं जिलाधीश धमतरी से किया गया है।

    संपादक

प्रदीप गंजीर ( छ. ग.)

मो. 9425230709

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