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किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी ? रमन सिंह बोले- ‘पार्टी के पास कई चेहरे हैं, इनमें से एक छोटा सा चेहरा मेरा है’

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर। भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने कहा था कि 2023 का विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायपुर। भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने कहा था कि 2023 का विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा । मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी तय करेगी. जिसके बाद से सभी के जहन में एक ही सवाल था कि बीजेपी किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी. अब इस सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी हमेशा मुद्दों पर चुनाव लड़ी है. बीजेपी के पास कई चेहरे हैं. इनमें से एक छोटा सा चेहरा मेरा है. मेरा लक्ष्य है कि सबके साथ मेहनत करके केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनाना है. रमन सिंह ने यह बयान प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में दिया है ।

पूर्व सीएम रमन सिंह ने बिजली दर में वृद्धि पर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिजली बिल हाफ करने की बात कांग्रेस ने कही थी, लेकिन आज बिजली बिल हाफ नहीं हुआ, जेब साफ हो गया. आज जनता को तकलीफ हो रही है. जनता तो हल्ला करेगी. भाजपा आगामी समय में भी बिजली दर में वृद्धि के खिलाफ सड़क की लड़ाई लड़ेगी. रमन सिंह ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत मकान नहीं बन पाए. केंद्र सरकार की ओर से 60 प्रतिशत राशि प्राप्त हुई, फिर भी राज्य सरकार गरीबों को मकान नहीं दे पाई है।

छत्तीसगढ़ में 15 साल और ढाई साल की होती है तुलना

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल और ढाई साल की तुलना होती है. 2003 में छग में कुल सड़क निर्माण 25 हजार से 3 गुना बढ़ाया गया. 22 हजार स्कूल को 62 हजार किया. पावर सरप्लस के रूप में छत्तीसगढ़ में कार्य हुआ. गरीबों के लिए 1 रुपए किलो चावल, शून्य प्रतिशत में ब्याज दिया. किसान क्रेडिट कार्ड आने से पूर्व छत्तीसगढ़ का किसान कर्ज में डूबा था. जिसे हमने कम किया. 5 से 70 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की क्षमता छत्तीसगढ़ की हुई. 15 साल में प्रदेश का एक ढांचा तैयार किया गया, लेकिन ढाई साल में सरकार कोई बड़ा प्रोजक्ट नहीं ला पाई है ।

सरकार को आइना दिखाने वाली सीएजी की रिपोर्ट

रमन सिंह ने कहा कि 15 साल में हम केवल 36 हजार करोड़ का कर्ज लिया. लेकिन ढाई साल में सीएजी की रिपोर्ट आइना दिखाने वाली है. 90 हजार करोड़ के बजट के प्रावधान में 88.6% खर्च राजस्व मद में हो रहा है, जबकि 10.4 प्रतिशत ही इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च किया जा रहा है. अगले साल यह 9 प्रतिशत में चला जाएगा. यह सरकार के कल्पनाशीलता की कमी है ।


संपादक

प्रदीप गंजीर ( छ. ग.)

मो.9425230709

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