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मोदी कैबिनेट विस्तार बैठक में छत्तीसगढ़ के इस बड़े नेता को मिल सकती है जिम्मेदारी...

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज नई दिल्ली। केंद्र सरकार जल्द ही कैबिनेट में विस्तार करने जा रही है। माना जा रहा है जिन राज्यों में आने वाले वर्षों म...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

नई दिल्ली। केंद्र सरकार जल्द ही कैबिनेट में विस्तार करने जा रही है। माना जा रहा है जिन राज्यों में आने वाले वर्षों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों को मंत्रिमंडल में तरजीह दी जाएगी। इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल कर एनडीए के कुनबा भी बढ़ाने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो इसी माह के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। इसमें छत्तीसगढ़ से भी किसी एक दिग्गज नेता को केन्द्रीय मंत्री बनाया जा सकता हैं, जिसमे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा हैं।

हाल के दिनों में मोदी कैबिनेट विस्तार को लेकर सरकार और संगठन के बीच कई दिनों तक लंबी बैठकें हुई, जिसमें मौजूदा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई। जबकि नए चेहरों के चयन पर भी विचार किया गया। सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में दो बातों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। पहला 2022 में उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों में होने वाला माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट के विस्तार में उत्तर प्रदेश से 3, छत्तीसगढ़ से 1, उत्तराखंड से 1, गुजरात से 1, गोवा से 1, हिमाचल प्रदेश से 1 और पंजाब से 1 नए चेहरे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है, जबकि क्षेत्रीय दलों को भी इस बार साधने की तैयारी है।

मोदी कैबिनेट के विस्तार में यूपी के पूर्वांचल से एक बड़े नेता को मौका मिल सकता है, क्योंकि मोदी सरकार-1 में कलराज मिश्र और शिवप्रताप शुक्ल मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उनके बाद से मोदी सरकार 2 में गोरखपुर बेल्ट से किसी को मौका नहीं मिला। जबकि शिवप्रताप शुक्ल समेत हरीश द्विवेदी, रमापतिराम त्रिपाठी, सीमा द्विवेदी, विजय दुबे, रविकिशन शुक्ल, हरिद्वार दुबे जैसे ब्राह्मण सांसद पूर्वांचल से आते हैं।

यूपी चुनाव में इस बार ब्राह्मणों को साधने की चुनौती भी बीजेपी के सामने है। जबकि बीजेपी एक ओबीसी और एक दलित चेहरे को भी तरजीह देना चाहती है। ऐसे में पार्टी ओबीसी चेहरे के रूप में बांदा से सांसद आरके सिंह पटेल, एसपी बघेल, रेखा वर्मा में से किसी एक पर दांव लगा सकती है, जबकि दलित चेहरे के लिए पूर्व आईपीएस और दलित नेता बृजलाल, विनोद सोनकर या बीपी सरोज में से किसी एक की लॉटरी लग सकती है।

यूपी के दो क्षेत्रीय दल अपना दल और निषाद पार्टी के एक-एक नेता को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो अनुप्रिया पटेल और प्रवीण निषाद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा। इससे न केवल ओबीसी वोटरों में पकड़ मजबूत होगी बल्कि एनडीए का कुनबा बढ़ेगा।

इसी तरह उत्तराखंडखंड से अनिल बलूनी या अजय टम्टा में से किसी एक को शामिल किया जा सकता है। इसी तरह पंजाब से दलित नेता केंद्र सरकार में राज्यमंत्री सोमनाथ को प्रमोशन मिल सकता है। एमपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया, छत्तीसगढ़ से डॉ. रमन सिंह या सरोज पाण्डेय में से एक को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल से निशीथ प्रामाणिक या दिलीप घोष. हिमाचल प्रदेश से मंत्रिमंडल में शामिल अनुराग ठाकुर को प्रमोट कर स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है। असम से पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।

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