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होम डिलीवरी शराब प्रेमियों को प्राथमिकता

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज सत्यानरायणभा पटेल भाटापाराा ।  टीकाकरण केंद्रों पर लोगों की भीड़ और लंबी-लंबी कतार लग रही है।जब शराब घर तक पहुंचाई जा सक...




छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

सत्यानरायणभा पटेल भाटापाराा । टीकाकरण केंद्रों पर लोगों की भीड़ और लंबी-लंबी कतार लग रही है।जब शराब घर तक पहुंचाई जा सकती है तो लोगों के घर तक जाकर वैक्सीन (टीका) क्यों नहीं दी जा सकती।   

सरकार द्वारा आनन-फानन मे जारी किये गये शराब के आनलाइन डिलवरी आदेश के पीछे भी आशंकाओं को ही मूल वजह माना जा रहा है, और यह आधार है रायपुर और बिलासपुर मे हुई मौतें, जिसके बारे मे जानकारी मिली है कि लगातार लाकडाउन के चलते बंद शराब दुकान एवं शराब की किल्लत के चलते शराब प्रेमियों द्वारा सैनेटाइजर एवं होम्योपैथी सिरफ का सेवन किया गया जिससे उनकी मौतें हुई, यह घटना और ज्यादा न बढ़े इसी आशंका के तहत सरकार द्वारा शराब के होम डिलवरी का निर्णय लिया गया, आबकारी मंत्री के बयान से कमोबेश यही जाहिर होता है, किन्तु दुर्घटना की आशंका से लिये गये इस निर्णय से और भी आशंकाएं जन्म लेती हुई प्रतीत हो रहीं हैं ၊

करोना महामारी के संक्रमण से घिरे हालात जहाँ प्रतिदिन राज्य मे आंकड़ा एक नया रिकार्ड छूते हुए प्रतीत हो रहें हैं, तथा संक्रमण का दायरा अब गावों की ओर भी बढ़ता हुआ प्रतीत हो रहा है, मौतें भी बड़े पैमाने पर हो रहीं है, ऐसे भीषण हालात मे जहाँ केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति छोड़कर बाकि सभी विकल्प ठप्प पड़े हैं, आपदा को अवसर बनाकर फायदा उठाने वाले लोगों पर कार्यवाही करने को छोड़ , ऐसी विपदा की घड़ी मे शराब के आनलाइन संचालन का निर्णय सर्वप्रथम इसी आशंका को जन्म देते हुए प्रतीत हो रहा है आनलाइन से शराब आपूर्ति के लिए निकलने वाले डिलवरी ब्वाय अगर संक्रमण की जद मे आतें है तो क्या होगा, क्योकि उनका संपर्क शराब डिलवरी के लिए विभिन्न लोगों से होगा और किसी संक्रमित के संपर्क मे आने से उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जायेगा, साथ ही साथ उनके घर परिवार के लोगों का भी संक्रमण के दायरे मे आने का खतरा बना रहेगा, जब की डिलवरी ब्वाय में अधिकतर कम आयु वर्ग के रहनें की वजह से अधिकतर का अभी टीकाकरण भी नहीं हुआ है, जो कि सीधे तौर पर उन्हे संक्रमण के बड़े खतरे की ओर ढकेलती प्रतीत होगी।

आनलाइन शराब की आपूर्ति से शराब दुकान मे कार्यरत कर्मचारियों के जोखिम की आशंका के पहलू पर आम लोगों मे चर्चा के साथ ही एक और अहम पहलू पर आशंकाओं के बिन्दु नजर आने शुरु हो गयें हैं, जनसंपर्क के सबसे सशक्त माध्यम शोसल मीडिया मे जोर शोर से दिखाई दे रही है, उस बिन्दु की ओर जिसके तहत आज केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ही जारी है, बाकि सभी विकल्प बंद हैं, ऐसे समय मे सरकार द्वारा शराब को प्राथमिकता दिया जाना लोगों के बीच यही सवाल खड़ा कर रहा है ।

 शराब जैसी चीज को अति आवश्यक श्रेणी मे खड़ा किया जाना कहाँ तक उचित है, भाटापारा के सुधिजनों का कहना है कि यही सवाल समाज मे नकारात्मकता प्रसार का कारण बन सकती है, क्योकि आम जनता यह भी मानना है कि शराब प्रेमियों के जान जोखिम की चिंता से ज्यादा सरकार को अपने राजस्व की चिंता है, और यही बड़ा पहलू बन सकता है , अन्य विकल्प के रूप में व्यवसायी भी कह सकतें है कि सरकार को अगर अपने राजस्व की चिंता है तो हमारे लिए भी हमारा व्यापार महत्वपूर्ण है,जाहिर है ऐसे हालात वातावरण मे असहयोग के माहौल को जन्म देने का कारक बन सकती है जो कि कदापि उचित नहीं है ၊ 

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