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बड़ी खबर: वर्ष 2014 से 2019 के बीच हुवे असफल नसबंदी की क्षतिपूर्ति के लिए सरकार द्वारा दी गई 30-30 हजार रुपये का क्षति पूर्ति राशि

  छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज रायपुर-जिले में असफल नसबंदी के लिए सरकार द्वारा पाँच महिलाओं को क्षतिपूर्ति राशि दी गई। यह आर्थिक भरपाई राशि वर्ष 2...


 

छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज

रायपुर-जिले में असफल नसबंदी के लिए सरकार द्वारा पाँच महिलाओं को क्षतिपूर्ति राशि दी गई। यह आर्थिक भरपाई राशि वर्ष 2014 और 2019 के बीच हुई असफल नसबंदियों के लिए दी गई है।

प्रभारी मीडिया गजेंद्र डोंगरे ने बताया ज़िले में वर्ष 2014 से 2019 तक 5 ऐसी महिलायें थी जिनकी नसबंदी असफल रही और नसबंदी के बाद वह गर्भवती हुई। इसके लिए शासन द्वारा निर्धारित 30,000 – 30,000 रुपये की राशि का चेक पांचों को वितरित किया गया है।’

असफल नसबंदी वाली महिलाओं को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ नसबंदी नोडल अधिकारी डॉ एस.के.सिन्हा द्वारा इस राशि के चेक का वितरण किया गया,’’ श्री डोंगरे ने बताया ।जिन लोगों को यह राशि मिली उनमें अभनपुर की सरोज साहू, शामिल है जिनकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभनपुर में 6फरवरी 2019 को नसबंदी हुई थी लेकिन वह असफल रही।

इसी प्रकार संतोषी निषाद विकासखंड धरसीवा की नसबंदी वही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 फरवरी 2014 को हुई थी जो असफल रही जिसके लिए उन्हे भी 30,000 रुपये दिये गए।अन्य तीन महिलायें जिनकी यह क्षतिपूर्ति राशि मिली है ललिता कुर्रे, विकासखंड अभनपुर जिनकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभनपुर में 17 दिसंबर 2018 को नसबंदी हुई थी; आशा साहू, विकासखंड अभनपुर जिनकी अभनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 जनवरी 2016 को नसबंदी हुई थी; और प्रेमीन बाई, विकासखंड अभनपुर जिनकी अभनपुर स्वास्थ्य केंद्र में 13 जनवरी 2016 को नसबंदी हुई थी। इन तीनों की नसबंदी असफल रही थी।इस क्षतिपूर्ति राशि का वितरण नसबंदी के असफल होने पर नियम अनुसार सत्यापन कर किया गया।

ज्ञात रहे परिवार नियोजन इंडैमिनिटी योजना (एफपीआईएस) के तहत नसबंदी के अंतर्गत नसबंदी असफल होने पर दंपति को 30,000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है जिसको मार्च 2020 में बढ़ाकर दोगुना किया गया था। मार्च 2020 के बाद होने वाले असफल नसबंदी, और इसके कारण हुई जटिलताओं और मृत्यु को बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा ।इसी प्रकार नसबंदी के कारण उत्पन्न हुई जटिलताओंऔर मृत्यु के प्रकरणों में प्रदान की जाने वाली राशि को भी बढ़ाया गया है।

एफपीआईएस के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से मितानिन व एएनएम झुग्गी-झोंपड़ी आदि क्षेत्रों में जाकर पुरुषों और महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए नसबंदी कराने को प्रेरित करती हैं। नसबंदी करवाने वाले पुरुषों को 2,000 रुपये क्षतिपूर्ति राशि और महिलाओं को 1400 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाते हैं।असफल नसबंदी क्षतिपूर्ति राशि को अब बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है। इसमें 50 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार का और 50 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का रहेगा। 


नसबंदी के बाद अस्पताल या घर में सात दिन के अंदर लाभार्थी की मौत होने पर आश्रित को दो लाख रुपये दिये जाते थे जो 2020 में बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया गया था। इसमें भी 50 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार का और 50 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का रहेगा।आठ से 30 दिन के भीतर मृत्यु होने पर 50,000 रुपए के स्थान पर एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाएगी। इसमें 50 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार का और 50 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का रहेगा।

आठ से 30 दिन के भीतर मृत्यु होने पर 50,000रुपए के स्थान पर एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाएगी। इसमें 50 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार का और 50 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का रहेगा।नसबंदी ऑपरेशन के बाद अस्पताल में छुट्टी के उपरांत 60 दिनों तक कॉम्प्लिकेशन होने पर वास्तविक खर्च, 25,000 रुपये (से अधिक नहीं) को बढ़ाकर 50,000 रुपए(से अधिक नहीं) किया गया है,वहीं प्रति चिकित्सक / अस्पताल के लिए अधिकतम 4 प्रकरणों के लिए पूर्व में दो लाख रुपए (तक प्रति प्रकरण) था जो अब बढ़ाकर चार लाख (प्रति प्रकरण) रुपए कर दिया गया है।

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